इस रात की सुबह जाने क्या होगी
नए सहर की दुआ जाने क्या होगी

मरने वालो को कम पड़ी लकड़ियां भी
बचने वालो की पनाह जाने क्या होगी

दम न भर पाए सांसो की टंकियों से भी
हस्पतालो की नयी दवा जाने क्या होगी

जनाज़ा चला गया अकेले ही
तबाही इसके सिवा जाने क्या होगी

by chhavidoonga